सौंदर्य_ मेरे होने से तेरा होना है? जिस दिन सादगी श्रृंगार हो जाएगी, हर आइने की हार हो जाएगी। सौंदर्य की ओर आकर्षण सहज है, उस पर भी स्त्री का सौंदर्य तो संसार का आधार है। यही तो वह माया है जिसने मुझे और आपको बांध रखा है, अन्यथा तो हम सब स्वामी चिन्मयानंद होते। किन्तु क्या स्त्री का सौंदर्य, सच में माया है? कदापि नहीं। ' शक्ति' अर्थात सती ( या पार्वती) के सौंदर्य का बखान करते तो वेद- पुराण नहीं थकते, किन्तु क्या वो कभी शिव के शिवत्व में बाधा बनीं? कभी नहीं। वरन् शिव तो शक्ति के बिना शव से हैं। सौंदर्य का आशय गोरेपन, चंचल आंखों, पतली कमर या किसी हॉलीवुड मॉडल के रूप से ही नहीं है। एक स्त्री का कोमल मन, सरल हृदय, श्रद्धा भाव, समर्पण, सहनशीलता, शुद्ध चरित्र एवं स्वाभिमान भी बेहद मायने रखते हैं। सौंदर्य के पैमाने मेरे या आपके लिए अलग-अलग हो सकते है। हम भारतीयों में गोरे रंग का बहुत मान है (हो भी क्यों न, इतने सालों तक हमने गोरों की ग़ुलामी ही तो की) । यदि आप गोरी हैं तो क्या बात है और नहीं हैं तो 'हल्दी- बेसन
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